"गमेदिल"
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“प्रेम………………………………………………
भावना का एक बंधन है,
जिसमे लगे कोटि सुमन है,
इसका स्वर भी मनभावन है,
जो जोड़े अनेकों मानव मन है;
प्रेम……………………………………………….
विश्वास का ही नाम है,
सुख देना इसका काम है,
कडुवाहट को देता लगाम है,
सत्यता का दूसरा नाम है;
प्रेम……………………………………………….
एक श्रधा है एक वादा है,
जिन्दगी को खूबसूरत बनाता है,
यह महज आकर्षण नही होता,
यह आत्म संतोष प्रदान करता है;
प्रेम……………………………………………….
जीने की कल्पनाये दिखाता है,
प्राणों में प्रेरणा जगाता है,
रिश्तों मैं अनुराग बढ़ाता है,
जीवन के सपने सजाता है;
प्रेम……………………………………………….
एक कर्तव्य है ये रिश्तों का आधार है,
यह एक मोती है, जिससे बनता जीवन का हार है……………………..
Manish Singh “गमेदिल”
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